Top Shiv chaisa Secrets
Top Shiv chaisa Secrets
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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
पण्डित त्रयोदशी Shiv chaisa को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥